खरगोन -*खरगोन के रविशंकर महाजन प्रकाश स्मृति कम्पनी के डायरेक्टर का दो साल में आया सी एम हेल्प लाइन में जवाब*
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खरगोन – खरगोन में लगभग तीस वर्षों पूर्व एक सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने एक कम्पनी ग्वालियर के रजिस्ट्रार से पंजीकृत करवाई , ग्वालियर रजिस्ट्रार से प्रकाश स्मृति कम्पनी को गैर लाभकारी संगठन के रूप में मान्यता और कम्पनी का पूरा 100 प्रतिशत लाभ को धर्मार्थ कार्यों में खर्च करने की स्वीकृति दी गई ! कम्पनी ने एक योजना बनाकर खरगोन शहर के लगभग तीस अभिकर्ता बनाए जिन्हे एक शेयर होल्डर के 150 रुपए दिए जाते थे , लगभग 25 हजार से अधिक प्रकाश स्मृति कम्पनी के पैंपलेट प्रिंट करवाए और अभिकर्ता गांव गांव और खरगोन शहर के लोगो के पास जाते और प्रकाश स्मृति कम्पनी के शेयर होल्डर बनने के लाभ बताते , एक पैंपलेट प्रकाश स्मृति कम्पनी का उसे देते , प्रकाश स्मृति कम्पनी के पैंपलेट पर छपे श्री बीसा नीमा महाजन समाज के बड़े लोगो के नाम , प्रकाश स्मृति कम्पनी केवल खरगोन के महाजन समाज के सातों डायरेक्टर की होने का कम्पनी को अतिरिक्त लाभ मिला और गांव के गरीब , किसान , मजदूर और छोटे व्यापारी 1540 रुपए देकर प्रकाश स्मृति कम्पनी के शेयर होल्डर बन गए ! 22000 में आप 1540 का गुना कर लीजिए , राशि बनती है तीन करोड़ , 38 लाख , 80 हजार …
इस राशि को प्रकाश स्मृति कम्पनी के बैंक के खाते में रखने पर प्रतिमाह बैंक से ब्याज भी कम्पनी को प्राप्त मिलने लगा और प्रकाश स्मृति कम्पनी ने अब इसी राशि को प्रकाश स्मृति कम्पनी के जो शेयर होल्डर थे , दो शेयर होल्डर साइन करेंगे तब ही एक शेयर होल्डर का ऋण होगा , ऋण हो जाने पर शेयर होल्डर को बारह चेक पर केवल उसके हस्ताक्षर करके चेक बुक देना होगी , चेक पर दिनांक , पार्टी का नाम और राशि नही लिखना होता था !
सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के पिता खरगोन के पी जी कालेज में कामर्स के प्रोफेसर थे , उनके नोकरी में रहते हुए शांत होने से रविशंकर महाजन की अनुकंपा नियुक्ति राज्यपाल के आदेश से सीधे यू डी टी पद पर गणित विषय के लिए हो गई , जब से जिस हायर सेकेंड्री स्कूल में रविशंकर महाजन की नोकरी लगी , आज भी रविशंकर महाजन उसी स्कूल में है , आज तक रविशंकर महाजन का ट्रांसफर नहीं हुआ और सबसे बड़ी बात हम भारत के मोदीजी के 18 घंटे काम करने की बात करते है , खरगोन के रविशंकर महाजन सरकारी शिक्षक ने सरकार की नोकरी भी की ओर एक नही , दो नही तीन कंपनिया भी बना ली और हजारों नही , लाखो नही , करोड़ो नही आज जमीन और नगदी सहित सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन का अरबों का साम्राज्य है , आप सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन की ताकत का इस बात से अंदाज लगा सकते हो की भारत सरकार का पी एम ओ , मध्यप्रदेश सरकार की सी एम हेल्प लाइन और भोपाल का ई ओ डब्ल्यू विभाग पिछले दो वर्षो से लगभग 300 से अधिक शिकायते होने के बावजूद पुलिस विभाग खरगोन , कलेक्टर खरगोन , विधायक और सांसद …कोई कुछ नही बिगाड़ सका …रवि के पास पैसे की बहुत बड़ी ताकत है और दुनिया में जिसके पास भी पैसा है वह पूरी दुनिया को अपने हिसाब से चलाता है !
सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने खरगोन के पुलिस विभाग , कलेक्टर , सांसद , विधायक को चुनौती देकर इस बात को सिद्ध भी कर दिया है की भारत में अमीर और गरीब का जो भेद है उसे कोई दूर नही कर सकता है पैसे वाले ने पैसे की ताकत से सभी को खरीद लिया है !
बंधुओ , सरकारी शिक्षक का ट्रांसफर जब से जिस हायर सेकेंड्री स्कूल में जिसकी अनुकम्पा नियुक्ति हुई नही हो पाया , बंधुओ इस सरकारी शिक्षक ने सरकार की नोकरी भी कर ली और खरबों रूपयो की जमीनें और नगदी की तीन कम्पनी भी चला ली , क्या ऐसा संभव है ? निश्चित इस सरकारी शिक्षक ने हायर सेकंडरी स्कूल में गणित पढ़ाने का काम ईमानदारी से नही किया होगा , किंतु सरकार ने रवि शंकर महाजन को पैसा तो पूरा दिया , आज भी रविशंकर महाजन की एक लाख रुपए तनख़ा है , एक माह में 25 दिन स्कूल जाना होता है यानी चार हजार रुपए रोज सरकार रविशंकर महाजन को दे रही है , रविशंकर महाजन का परिवार इतना गरीब था की रवि की बहन की शादी समाज के लोगो ने पैसे इकठ्ठे कर के कराई , उसके बावजूद सरकारी शिक्षक खरगोन के , गांव के गरीब , किसान , मजदूर और छोटे व्यापारी जिनके पेसो से सरकारी शिक्षक ने तीन कम्पनी का इतना बड़ा साम्राज्य बनाया , उन गरीबों का उनका हक नही दे रहा है , इस सरकारी शिक्षक रवि ने खरगोन के दस कर्मचारी को नोकरी से निकाल दिया जो 50 साल के हो चुके थे अब 50 वर्ष का व्यक्ति कहा जायेगा क्या करेगा , गरीबी से निकले रविशंकर ने इस बात को कभी विचार नहीं किया , छोटे गरीब लोगो को केसा केसा दुत्कार के कम्पनी से भगाया है उनकी शिकायते संतोष न्यूज के पास आती है , मैने दो वर्ष पहले वार्षिक मीटिंग का लाईव फेसबुक वीडियो बनाया था तो रवि की लड़की जो सी ए है , खरगोन में भंडारी परिवार में दी है मेरा मोबाइल छीनने लगी , रणजीत डंडीर मेरा मोबाइल छीनने लगा , बड़वानी का ओमप्रकाश गुप्ता जो खरगोन के प्रख्यात प्रख्यात प्रापर्टी ब्रोकर श्याम महाजन का मामा है , मुझे बोला पैसे भर , पैसे भर …और सरकारी शिक्षक जिसे भारतीय समाज में गुरु कहा जाता है , रविशंकर महाजन भी बिल्कुल अनुशासन विहीन भाषा में मुझे बोला पैसे भर दे …पैसे भर दे …
सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के पास आज खरबों रूपयो की हजारों एकड़ जमीन है , नंबर दो में करोड़ो रुपया है , ब्याज पर नंबर दो में चलने वाला पैसा है , अपार धन संपदा का मालिक है आज सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन , रवि की मां गंगा बाई महाजन कम्पनी के 35 परसेंट शेयर की मालिक है , इसकी मां को भी सरकार इसके पिता की पेंशन देती है , रवि ने तीन कम्पनी में अनेक नियम विरुद्ध कार्य किए है किंतु रवि के पैसे की ताकत के सामने भारत का कोई भी अधिकारी रविशंकर के विरुद्ध कार्यवाही करने में असमर्थ है , आज रवि ने सी एम हेल्प लाइन में अपनी कुछ बात लिखी है आइए उसका विश्लेषण करे ….
◾व्यक्तिगत द्वेष मेरा रवि से हो ही नही सकता क्युकी मेरा रवि से कभी संबंध नहीं रहा ! यह रवि ने झूठ लिखा है !
◾बार बार सोशल मीडिया पर इसलिए लिख रहा हू क्युकी दो वर्ष से पी एम ओ और सी एम हेल्प लाईन कार्रवाई नहीं कर रही है !
◾ मेने प्रकाश स्मृति कम्पनी से ऋण लिया था और बारह कोरे चेक दिए थे , बीच में मैं बहुत अधिक कर्ज में आ गया था , रविशंकर महाजन सरकारी शिक्षक ने मेरा साइन किया हुआ कोरा चेक पर दिनांक डाली , कम्पनी का नाम लिखा , राशि लिखी और मेरे खाते से बाउंस करा कर मुझे कम्पनी के वकील से नोटिस दे दिया , मेने कम्पनी को एक पत्र लिखा जिसे मैं एस पी श्री धर्मराज मीणा जी को बताऊंगा , इतना ईमानदारी से लिखने के बाद भी पैसे में मद में चूर सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन को दया नही आई और उसने मेरा प्रकरण कोर्ट में लगा दिया , मेने पूरी ईमानदारी से कम्पनी का पैसा दिया !
◾मेरे सुपुत्र हर्षल ने जो प्रकाश स्मृति कम्पनी से ऋण लिया वह ऋण मुझसे नही बताया गया , खरगोन में एक हरियाणा की कम्पनी भी खरगोन और महेश्वर वालो से करोड़ो रुपया ले गई उसमे मेरे बेटे ने भी एक लाख रुपए दिए जो आज तक नही मिले , मेरे बेटे ने इसी प्रकाश स्मृति से ऋण लिया और हरियाणा की कम्पनी को दे दिए जो डूब गए अभी तक कुछ नही मिला , चेतन रघुवंशी इस बारे में पुलिस को सारी जानकारी दे सकता है , मुझे मेरे बेटे की पूरी कहानी जब मालूम हुई तो मुझे बहुत बुरा लगा और मेने मेरे बेटे को बहुत डाटा , प्रकाश स्मृति कम्पनी में मेरे काफी शेयर है , अभी भी मैं काफी कर्ज में हू , किंतु मैं मेरे बेटे हर्षल का पूरा पैसा प्रकाश स्मृति कम्पनी को हाथ जोड़ कर देने का वादा करता हू !
◾5 नंबर पर सरकारी शिक्षक ने लिखा है , शिकायतकर्ता के बहनोई ने चार वर्षो से कब्जा कर रखा है , बंधुओ …सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन इतना एहसान फरामोश निकलेगा पूरे खरगोन ने यह नहीं सोचा था , बंधुओ मेरे जीजाजी श्री बाबूलाल जी गुप्ता मेनगाव में सोसाइटी में छोटी सी नोकरी करते थे , प्रकाश स्मृति कम्पनी ने उन्हें अभिकर्ता बनाया एक प्रकरण से उन्हें 150 रुपए मिलते थे , गरीब थे मेरे जीजाजी 150 रुपए लिए खूब मेहनत करके प्रकाश स्मृति कम्पनी के हजारों शेयर होल्डर बनाए और कम्पनी को लाखो रुपया छोटे छोटे गावो से लाकर दिया , मेरी बहन इस दुनिया से चली गई उन्हे कोई संतान नहीं हुई , मेरे जीजाजी का दुनिया में कोई नही था , न उनके पिता , न माता , न भाई , न बहन पत्नी थी वो भी चली गई , बच्चे हुए नही …हमने खुद ने उनसे कहा आपका खाना कौन बनाएगा आप शादी कर लो , बंधुओ , इस संसार में में नर और नारी दोनो के जीवन में त्रासदी आती है , जैसा मेरे जीजा के साथ हुआ बहन किडनी की बीमारी के कारण चल बसी , ऐसा ही एक नारी के साथ हुआ उसके दो बच्चे थे और उसका जीवन साथी नही था , दोनो का योग बैठ गया तो दोनो के जीवन में खुशियां आ गई , सरकारी शिक्षक ने मेरे जीजाजी को जो पैसा दिया उसमे मेरा कोई रोल नहीं है , मेरे जीजाजी ने तो प्रकाश स्मृति कम्पनी को लाखो रुपया देकर मेहनत कर शेयर होल्डर बनाए है , मेरे जीजाजी ने ही प्रकाश स्मृति के जो सदस्य बनाए उन्हे कम्पनी के बारे में सब अच्छी बाते बताई मुझे और मेरे परिवार को भी मेरे जीजाजी ने ही प्रकाश स्मृति कम्पनी का शेयर होल्डर बनाया , इसलिए मेरे जीजाजी के परिवार में मेरे संबोधन का उल्लेख कर सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने ओछी मानसिकता का परिचय दिया है और ईश्वर द्वारा इतनी सजा के बाद भी उसका स्वभाव रावण रूपी ही है जिसने माता सीता का हरण करने के बाद भी अपने आप को गलत नही माना !
◾सरकारी शिक्षक एक लाख रुपया सरकार से तनखा लेने वाले रविशंकर महाजन ने आठ क्रमांक पर लिखा है की शिकायत कर्ता के परिजन …बंधुओ मेरी सगी बहन तो संसार से चली गई उसके बाद हमारे जीजाजी से संबंध लगभग दूर हो गए , सामान्य रूप में हल्का फुल्का बोलते है एक दूसरे के घर आना जाना नही होता तो सरकारी शिक्षक रविशंकर का यह आरोप की मैं उनके विरुद्ध न्यायायलायीन कार्यवाही से बौखला कर रवि के विरुद्ध लिख रहा हू यह गलत है , मेरे जीवन का सिद्धांत है जिससे लिया उसे हाथ जोड़ कर देना , रवि शंकर ने ले तो लिया अब देने की बारी आई तो वह नगर और गांव के गरीब , किसान , मजदूर और छोटे व्यापारी को अब पैसे नही दे रहा है कोरे चेक गरीबों के कोर्ट में लगाकर 138 धारा का गलत उपयोग कर रहा है , बड़वानी वाले प्रकाश स्मृति कम्पनी के एक महाजन शेयर होल्डर को सरकारी शिक्षक रवि शंकर महाजन ने जेल करवा दी , बेचारे ने ब्याज पर पैसा लेकर कोर्ट में पैसा दिया !
सरकारी शिक्षक को शासन के कीमती समय की कितनी फिक्र है , सरकार की ऊर्जा की फिक्र है !
◾शिकायत यदि झूठी है तो झूठ का जवाब देने में प्रकाश स्मृति कम्पनी को दो साल लग गए , अदानी की कम्पनी पर अमेरिका की शेल कम्पनी हिंदनबर्ग ने आरोप लगाए थे कितनी स्पीड से पत्रकारों के समक्ष आकर गौतम अदानी ने सारी बाते बताई थी !
बंधुओ , सच बात तो यह है की प्रकाश स्मृति कम्पनी में सारे डायरेक्टर भारतीय जनता पार्टी की विचार धारा के है , इनकी कम्पनी में कट्टर हिंदू नेता रणजीत सिंह डंडीर भी फस गए है , बंधुओ भारतीय जनता पार्टी जो भारत के मुसलमानों के खिलाफ इसलिए है क्योंकि आतंकवादी मुसलमान नाम के होते है , अब बताओ बंधुओ , कट्टर हिंदू नेता और डायरेक्टर भारतीय जनता पार्टी के और कम्पनी बनाई उसका नाम मुस्लिम क्यों रखा ? तंजीम ए जरखेज कम्पनी , मुसलमान मेनेजर जाकिर शेख , गरीबों की रजिस्ट्री कुशल सोनी द्वारा इंग्लिश में , जमीन वालो को झूठ बोलकर की यहां बूचड़खाना , मुस्लिम कालोनी बनेगी ताकि मुसलमानों के डर से हिंदू समाज तंजीम ए जरखेज को सस्ती जमीन बेच दे , गोगावा के डाबरिया में सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने वो खेल खेला है साब की सारे बनियो को पीछे छोड़ दिया रवि ने आज गोगावा की जमीन का भाव ढाई करोड़ रुपए एकड़ है और रवि के पास 500 एकड़ जमीन है , खरगोन का सबसे बड़ा भूमाफिया है सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन जिसने दो वर्ष तक सरकार , प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही करवा कर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी को बता दिया है की पैसे की ताकत सबसे बड़ी होती है और जिसके पास खरबों की संपत्ति है उस सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन का प्रशासन और सरकार कुछ नही बिगाड़ सकता !
बंधुओ , मेरी सी एम हेल्प लाइन की शिकायत आंशिक बंद हुई है पूरी बंद नही हुई है , जब तक शरीर में प्राण है सरकारी शिक्षक रवि शंकर महाजन की सारी पोल लिखकर समाज को बताऊंगा ताकि भविष्य में कम्पनी एक्ट सेक्शन आठ का कोई और दुरुपयोग ना करे ! संतोष न्यूज से संतोष गुप्ता की रिपोर्ट ! मोबाइल – 98262- 29657
दो साल बाद खरगोन के सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन प्रकाश स्मृति कम्पनी ने पुलिस को जवाब दिया !
Santosh News
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