खरगोन – बंधुओ !
मध्यप्रदेश के ग्वालियर से रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्टर्ड खरगोन की तीन कम्पनी प्रकाश स्मृति कम्पनी , तंजीम ए जरखेज कम्पनी और प्रोफेसर पी सी फाउंडेशन कम्पनी आज 27 वर्ष पुरानी कंपनिया है , खरगोन के एक सरकारी मास्टर ने बुद्धि बल का उपयोग किया , 22 हजार गरीब , मजदूर , किसान और छोटे व्यापारी से 1520 रुपए प्रति शेयर लिए और अपने पिता का फोटो प्रकाशित कर एक लालच दिया की आपको मेरी कम्पनी आपके बुढ़ापे में एक मुश्त पैसा देगी , कम्पनी के पास यदि पैसा जमा रखोगे तो कम्पनी जीवन भर आपको पेंशन देगी , बंधुओ आज से 27 वर्ष पूर्व खरगोन के रवि शंकर महाजन ने जब लगभग 25 हजार पैंपलेट के माध्यम से , अनेक अभिकर्ता बनाए , अभिकर्ता को 150 रुपए पारिश्रमिक केवल एक बार दिया , अब 150 रुपए की लालच में अभिकर्ता स्वर्गीय प्रकाश चंद्र महाजन का फोटो का पैंपलेट गरीबों को देते और 1520 का शेयर खरीदने का कहते , चुकी रवि शंकर महाजन और अन्य डायरेक्टर कम्पनी में खरगोन के थे इससे प्रकाश स्मृति को खूब लाभ मिला और 22 हजार सदस्य बनने के बाद कम्पनी के पास 33 करोड़ रुपए हो गए , कम्पनी ने ग्वालियर रजिस्ट्रार के नियम के हिसाब से केवल 20 हजार सदस्यो का हिसाब बताया शेष को वेटिंग में रखा , 20 हजार खाते बनाए और कम्पनी ने सदस्य बनने के बाद कम्पनी नही ….
उसके 20 हजार सदस्य उनके लाभांश से मरने वाले सदस्य को पांच रुपए देंगे …
बीस हजार में पांच रुपए का गुना कीजिए एक लाख हो गए
प्रकाश स्मृति कम्पनी पर मरने वाले शेयर होल्डर का कोई भार नहीं आता बल्कि कम्पनी के पास जो दो हजार सदस्य इंतजार में थे , उसे बीस हजार में सदस्यता मिल जाती , जब कम्पनी चेक देती तो निवेदन करती की कुछ दान कम्पनी को दो ….
अनेक सदस्य कम्पनी को दान देते …
इस प्रकार कम्पनी के पास धन बढ़ता ही गया , कम्पनी ने लोन देना शुरू किया , फ्लैट रेट पर , कम्पनी लोन उसी को देती जो कम्पनी में शेयर होल्डर है , कम्पनी दो शेयर होल्डर की गवाह पर लोन देती , प्रकाश स्मृति कम्पनी लोन लेने वाले के बैंक खाते के बारह चेक कोरे रख लेती और किश्त नगदी में लेती , डिफाल्टर ऋणी का कोरा चेक निकलती उस पर डेट , कम्पनी का नाम , शेष ऋण राशि लिखती , उसके खाते में चेक भेजती , चेक बाउंस होता , अब इस चेक को कोर्ट में धारा 138 में लगाकर अपने ही कम्पनी के शेयर होल्डर को जेल की सजा सुनवा देती , बेचारा कर्ज से परेशान शेयर होल्डर कही से व्यवस्था करता और जेल जाने से बचने के लिए कम्पनी को पैसा दे देता !
कोरे चेक लेना , कोरे चेक पर कम्पनी द्वारा लिखकर धारा 138 का दुरुपयोग करना , आर बी आई और न्यायालय दोनो को गुमराह करना है , कम्पनी के शेयर होल्डर जो गरीब है , मजदूर है , किसान है , छोटे व्यापारी है , इस 27 वर्ष पुरानी प्रकाश स्मृति कम्पनी से बहुत त्रस्त है , सबसे बड़ी बात सरकारी मास्टर रवि शंकर महाजन के मन में गरीबों के प्रति दया नही है , करुणा नही है !
जबकि आज रवि शंकर महाजन एक नही तीन कम्पनी ग्वालियर में रजिस्टर्ड करा के अरबों की जमीनों की खरीद फरोख्त करता है , एक अन्य कम्पनी ने खरगोन के जिला सहकारी बैंक मर्यादित गौर पेट्रोल के सामने के सहकारी बैंक से दो करोड़ की सी सी लिमिट करवा रखी है ! तीन कम्पनी के पास आज अरबों रूपयो की जमीनें है और सारा मामले का मास्टर माइंड रवि शंकर महाजन है , ऐसे रवि शंकर महाजन की तीनो कम्पनी के विरुद्ध भारत सरकार के पी एम ओ और मध्यप्रदेश सरकार की सी एम हेल्प लाइन में पिछले 14 माह से शिकायत दर्ज है , भोपाल के ई ओ डब्ल्यू ओ में शिकार दर्ज है , अनेक ग्रामीणों और नगर के गरीबों की अनेक शिकायते कलेक्टर और एस पी और खरगोन कोतवाली के पास दर्ज है किंतु सरकारी शिक्षक रवि शंकर महाजन पर कार्यवाही करने का साहस किसी में नहीं है ! यही रवि शंकर महाजन आगामी 10 , 11, 12 फरवरी को तीन दिन का एक बड़ा आयोजन कर रहा है में प्रयास कर रहा हू कम्पनी ने जिसे बुलाया है उन्हे प्रकाश स्मृति कम्पनी की सही जानकारी दू , और उन्हे कहूं की आप कम्पनी से अच्छा पैसा ले कम्पनी के पास आज अरबों की जमीनें है , बुद्धिजीवी अतिथियों का कही रवि दोहन ना करे , तीनो अतिथि अच्छा पैसा ले कम्पनी से क्युकी कम्पनी का रजिस्ट्रेशन अनुसार कम्पनी का 100 प्रतिशत लाभ प्रकाश स्मृति कम्पनी को धर्मार्थ कार्यों में ही खर्च करना है , बंधुओ , कम्पनी के जो शेयर होल्डर है उन्हे लाभांश नही मिलेगा यह भी ग्वालियर के रजिस्ट्रार ने लिखा है , रविशंकर ने बुद्धि बल से लगभग 23 हजार परिवारों से पैसा तो ले लिया आज रवि शंकर महाजन तीन अरबों की कम्पनी का डायरेक्टर है , रवि शंकर महाजन खरगोन की गर्ल्स हायर सेकेंड्री की क्रमांक दो में गणित का यू डी टी है मध्यप्रदेश सरकार इसे लगभग एक लाख रुपए प्रतिमाह तनखा देती है , तीनो कम्पनी के शेयर होल्डर से जो रवि ने बर्ताव किया , कम्पनी के मेनेजर विक्रम चौहान से आफिस में ही मारा कूटी की , विक्रम को अपनी 90 हजार रुपए माह की नोकरी इसलिए छोड़ना पड़ी क्युकी कम्पनी का डायरेक्टर रवि गरीबों के साथ अन्याय कर रहा था , खरगोन के आठ परिवारों को रवि ने बेघर कर दिया उन्हे नोकरी से निकाल दिया जबकि उनकी उम्र 55 साल हो गई थी , यहां रवि ने कम्पनी एक्ट का फायदा उठाकर आठ अपने ही शहर के पिछले 27 वर्षो से सेवा करने वाले व्यक्तियों को हटा दिया ! तीनो कम्पनी में अनेक अनियमितताएं है , इंदौर हाई कोर्ट ने खरगोन के एक शेयर होल्डर ने याचिका लगाई जो स्वीकार हो गई और कम्पनी के डायरेक्टर के पास नोटिस आ गए है ! ताज प्रोजेक्ट , गोकुल प्रोजेक्ट में रेरा कानून , आयकर विभाग से छूट वाले काम में विभाग को गलत बेलेंस शीट देना , प्रकाश स्मृति कम्पनी से एक करोड़ , दूसरी कम्पनी प्रोफेसर पी सी फाउंडेशन में डालना , प्रकाश स्मृति कम्पनी और प्रोफेसर पी सी फाउंडेशन का कार्यालय एक ही जमीन प्रकाश स्मृति कम्पनी पर चलाना , अब कम्पनी दो है उसका लाइट खर्च , उसके कर्मचारी …
आयकर विभाग की बेलेंस शीट में कम्पनी के सी ए केसा बताते है जांच का विषय है !
लंबी कहानी है नंदीतेश जी , हितेश जी , विजय मनोहर जी …..
आप तो पेमेंट बढ़िया लेना …
अरबों की कम्पनी के मंच से आप हमे तीन दिन अपना ज्ञान बाटेंगे …
एक ज्ञानी ने ही नगर के गरीब , मजदूर , किसान और छोटे व्यापारी से बहुत दिमाग से पैसा लेकर आज अरबों का संसार हासिल कर लिया , रवि का एक पैसा नही है तीनो कम्पनी में .. …
एक बात और नेताओ की कही ना कही दया है हमारे खरगोन के रविशंकर पिता प्रकाशचंद्र , माता गंगा बाई महाजन पर …
वैसे ही जेसी दया …
हरदा के सोमेश अग्रवाल और उनके भाई पर प्रशासन और नेताओ की रही ….
गरीब मरता है साब ! ऐसे मामलो में …
खरगोन में भी वही हाल है रविशंकर के …आज 14 माह हो गए है साब लिखते लिखते …
कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं है साब रवि शंकर महाजन आज इतनी बड़ी हस्ती है खरगोन शहर की ..
मैं कार्यक्रम में समय से पूर्व आऊंगा , आपसे अलग से मिलने की भी कोशिश करूंगा …
धन्यवाद ….
संतोष न्यूज खरगोन से संपादक संतोष गुप्ता की रिपोर्ट !
मोबाइल – 98262- 29657
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प्रकाश स्मृति कम्पनी की असलियत नगरवासी और समाजसेवियों को जानना चाहिए !
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