- खरगोन – ओशो
ईसाई धर्म के विरुद्ध थे उन्हे जहर देकर मार दिया गया
इसलिए खाने पीने के मामले में सतर्क रहे
लाल बहादुर शास्त्री
मुसलमानों के विरोध में थे
उन्हे जहर देकर मार दिया गया
मोदीजी हिंदुत्व और सनातन धर्म के पक्ष में पूरे विश्व के लिए कुछ कर रहे है
विश्व का एक धड़ा यह पसंद नही करता
पंजाब में उन्हें मारने की साजिश
और अभी कीव में महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित करते हुए एस पी जी को शक था मोदीजी पर हमला हो सकता है उन्हे बहुत ही सुरक्षा से उस समय से निकाला गया इसलिए मोदीजी के भारत आने पर हेड लाइन बनी , *मोदीजी यूक्रेन से सुरक्षित भारत पहुंचे*
मित्रो , दुनिया में जब जब अच्छे विचारों के माध्यम से अच्छे लोगो ने देश को , समाज को सुधारने का प्रयत्न किया , उसकी जानकारी संबंधित विभाग , सरकार को दी उसी को प्रताड़ित करने का दुष्ट लोगो ने सदेव प्रयास किया है , मेने खरगोन की तीन कम्पनी के विरुद्ध भारत सरकार के पी एम ओ को जानकारी दी तो कम्पनी के भारतीय जनता पार्टी के नेता रणजीत सिंह डंडीर ने मेरे ही खिलाफ खरगोन की कोर्ट में एक करोड़ का मानहानि का दावा लगा दिया ! मुझे वकील करना पडा , वकील की फीस तय करना पड़ी , वकील को एडवांस पैसे देना पड़े क्युकी मेने पश्चिम निमाड़ जिले के गरीब , मजदूर , किसान और छोटे परिवार , छोटे व्यापारी के लिए आवाज उठाई ….उनके पेसो के लिए , उनकी जमीनों के लिए आवाज उठाई , प्रशासन और सरकार को दो वर्ष तक लिख लिख कर जानकारी दी की एक सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने किस प्रकार अपने पिता के फोटो के साथ बहुत मीठी भाषा में 25 हजार पैंपलेट छपवाए , प्रिंटिंग प्रेस का पता पुलिस लगाए की खरगोन की कौन से प्रेस में वे पैंपलेट छपे और खरगोन पुलिस प्रिंटिंग प्रेस खरगोन की यह आदेश दे की जनता के मध्य जाने वाले पैंपलेट पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम और उसका मोबाइल नंबर जरूरी हो , खरगोन से बाहर छपने वाले और खरगोन में बटने वाले पैंपलेट के लिए भी यह नियम कठोरता से लागू हो क्युकी सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन जो आज के समय तीन कंपनियों का मास्टर माइंड है और खरबों रूपयो की जमीनें और नगदी का मूल स्वामी है इसकी मां गंगा बाई महाजन के पास प्रकाश स्मृति कम्पनी के सबसे अधिक शेयर है इस सरकारी शिक्षक की कम्पनी ने एस डी ओ पी को यह बयान दिया की कम्पनी ने कोई पैंपलेट बाटा ही नही , उसी पैंपलेट पर आज से तीस वर्षों पूर्व सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने लिखा है मैं आपको 65 वर्षो में दस लाख 60 हजार एक मुश्त या दस हजार 600 रुपए प्रतिमाह दूंगा ! आज रविशंकर महाजन उन शेयर होल्डर को इतना पैसा दे सकता है जो उसने वादा किया है , यह बात प्रकाश स्मृति कम्पनी के पूर्व मेनेजर विक्रम चौहान ने सरकारी शिक्षक को समझाई की आज से 35 वर्षो बाद कम्पनी की प्रापर्टी की कीमत इतनी बढ़ जाएगी की हम कम्पनी की प्रापर्टी की बिक्री करके अपने शेयर होल्डर को दस लाख 60 हजार दे सकते है किंतु वास्तव में सरकारी शिक्षक के मन में खोट आ गई और उसने उस पेपर को अपना हथियार बना लिया जिस पर उसने शेयर होल्डर के हस्ताक्षर करवाए थे और सरकारी शिक्षक की बेटी सी ए आशु भंडारी ने 2022 को प्रकाश स्मृति कम्पनी के सदस्यो को समझाया की कम्पनी की योजना घाटे में चली गई है कम्पनी फायदे में है किंतु योजना के नियमो के मुताबिक पैसा अब आपको कम्पनी को देना है यानी प्रकाश स्मृति कम्पनी को उसके शेयर होल्डर को पैसा देना है , बंधुओ मामला प्रकाश स्मृति कम्पनी तक ही सीमित नहीं है , मामला उसके बाद सरकारी शिक्षक रविशंकर द्वारा और पूंजी जुटाकर 100 लाख यानी एक करोड़ छोटे परिवारों से इकठ्ठे किए गए उन्हे दस वर्ष में एक लाख के 11 लाख या 4 एकड़ जमीन यानी एक एकड़ के ढाई लाख , बंधुओ सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन की कम्पनी तंजीम ए जरखेज ने एक करोड़ खरगोन के छोटे परिवार से लिए और दो करोड़ सहकारी बैंक के मेनेजर रणजीत डंडीर से ले लिए , बंधुओ एक एकड़ जमीन का भाव ढाई लाख नही ढाई करोड़ रुपए एकड़ का हो गया , तंजीम ए जरखेज के भी 100 लोगो को सरकारी शिक्षक ने बेवकूफ बनाकर कुछ पैसा देकर शेयर होल्डर से हटा दिया यही नहीं हिंदू सात सदस्य ने जो मुसलमान नाम की कम्पनी बनाई , मुसलमान मेनेजर जाकिर शेख को बनाया यह सारा खेल सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के प्री प्लान का हिस्सा था उसने दिल्ली के कारपोरेट मंत्रालय से मुसलमान नाम की कम्पनी तंजीम ए जरखेज का केवल नाम परिवर्तित करवा लिया रजिस्ट्रेशन नंबर नही बदलवाया ….कम्पनी का नाम अब हो गया प्रोफेसर पी सी फाउंडेशन …खरगोन पुलिस प्रशासन और खरगोन कोर्ट ने स्वताःसंज्ञान लेकर सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन से पूछना चाहिए की तुमने मुसलमान नाम की कम्पनी से खरगोन के 100 लोगो से एक एक लाख रुपए लिए फिर उसका मुसलमान नाम क्यू बदला यदि बदलना ही था तो रक्खा क्यों था , बंधुओ सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन यही नहीं ठहरा उसने पेड़ लगाने के नाम से प्रति पेड़ 500 रुपए लोगो से लेना शुरू किए , यहां शातिर रविशंकर ने पितर और पूर्वज के नाम पर निमाड़ के भोले भाले लोगो को शब्दो के जाल में फसाया लोगो को बोला गया आपके पिता , आपकी माता के नाम से हम एक पेड़ लगाएंगे आप हमे 500 रुपया दीजिए ….अब बंधुओ देखो गणित के इस यू डी टी का गणित इस सरकारी शिक्षक ने सबसे पहले आपसे 1540 रुपए लिए उसकी संख्या 25 हजार थी यानी 25 हजार लोगो ने करोड़ो रुपया रवि को दे दिया फिर रवि ने कम्पनी की सदस्यता राशि बढ़ा दी ढाई हजार , पांच हजार और आठ हजार कर दी ये सारी पूंजी रवि को आम जनता से मिली , सारी पूंजी एक नंबर ने बैंक में रखी उससे रवि को ब्याज मिला , कम्पनी के लोगो की पूंजी को कम्पनी के ही सदस्यों को दो सदस्यो की गवाह और 12 कोरे चेक के आधार पर ब्याज पर पैसा देना शुरू किया उससे फिर पूंजी बनी , आपने किस्त लेट भरी तो ढाई सो रुपए दंड लिया फिर दंड से पूंजी बनी , किसी ने पैसा लेकर नही भरा तो कोरा चेक मेंबर का था ही यशवंत सिन्हा के 138 का दुरुपयोग भारत ने जो हो रहा है मोदी सरकार ने 138 धारा में संशोधन करना चाहिए , ग्वालियर के रजिस्ट्रार क्या कर रहे थे ? प्रकाश स्मृति कम्पनी का आडिट कौन कर रहा था , जिस कम्पनी का रजिस्ट्रेशन 100 प्रतिशत धर्मार्थ कार्यों के लिए हुआ उस कम्पनी में उसी कम्पनी के सदस्य से 250 रुपए दंड लिया जा रहा था , ब्याज से पैसा कौन लेता है ? समाज का गरीब तबका ब्याज की मार और दंड की मार किस पर पड़ी ? मोदीजी गरीब और गरीब और अमीर और अमीर हुआ है आपने राज ने क्युकी आपका प्रशासन और आपकी सरकार ने हमारे जेसे ईमानदार शिकायत करने वालो की सूचना पर कोई महत्व नहीं दिया ! बंधुओ , सरकारी शिक्षक बेहद शातिर था , उसने कम्पनी में हो जीवन में आर्थिक तंगी से परेशान अथवा और भी किसी कारण जेसे केंसर की बीमारी , दुकानदार को व्यवसाय ने घाटा से जो सदस्य कम्पनी का ऋण नही दे पाते , इस सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने यह कभी जानने की कोशिश नही की आखिर बेचारा अपनी कम्पनी का सदस्य इतनी कम राशि भी क्यू नही भर पा रहा है ? जबकि बंधुओ सरकारी शिक्षक रविशंकर पहले बहुत गरीब था , इसकी बहन की शादी खरगोन के बीसा नीमा समाज ने पैसा इकठ्ठा करके की , समाज ने इसे भावसार मोहल्ले का उसका मकान भी रहने को दे दिया था किंतु रवि वह दिन भूल गया की कम्पनी का कोई अपना ही सदस्य पैसा नही दे रहा है तो क्या वह बेचारा वास्तव ने बहुत परेशान है ? इस सरकारी शिक्षक ने कोर्ट को भी मूर्ख बनाया और धारा 138 का लाभ लिया , सरकारी शिक्षक ने जब अपनी ही कम्पनी से कम्पनी के सदस्य को ऋण दिया था उसकी बारह चेक की कोरी चेक बुक रख ली थी केवल ऋण लेने वाले के हस्ताक्षर करवा के , उन चेक पर दिनांक , नाम , राशि की जगह छूटी रहती थी , रवि ने जो पैसा नही दे रहा था उस कम्पनी के मेंबर का वही कोरा चेक लिया उस पर तारीख डाली , अपनी कम्पनी का नाम लिखा और ब्याज सहित राशि लिखकर कम्पनी के सदस्य के खाते में लगा दिया , स्वाभाविक था चेक बाउंस होना था ….चेक बाउंस को आधार बनाकर रवि ने अपनी ही कम्पनी के सदस्य को कोर्ट में खड़ा कर दिया …आप कल्पना कीजिए साहेब जिस कम्पनी का रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रजिस्ट्रार ने इसलिए किया की इस कम्पनी का लाभ 100 प्रतिशत धर्म के कार्यों में खर्च करना होगा वही कम्पनी जिस कम्पनी को बनाया ही जिस शेयर होल्डर ने उसी शेयर होल्डर को एक सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने कोर्ट ने खड़ा कर दिया , बड़वानी के कोर्ट ने जज ने प्रकाश स्मृति कम्पनी के मेंबर को 6 माह की जेल की सजा सुना दी ! अंधेर नगरी चौपट राजा ….. ऐसी कंपनी जो अपने ही उस मेंबर को जिसके पैसे से कम्पनी बनी , कम्पनी ने ब्याज कमाया , दंड कमाया , बैंक से ब्याज कमाया …मूल पूंजी तो बीस हजार मेंबर की ही थी ना ? आज प्रकाश स्मृति के मेंबर को जेल की सजा सुना दी …भला हो बड़वानी के महाजन समाज का पैसा इकठ्ठा किया और प्रकाश स्मृति कम्पनी के शेयर होल्डर को जेल जाने से बचाया ! बंधुओ , अब मेरा आपसे एक निवेदन है पूरा खरगोन शहर , पूरा खरगोन जिला अब 181 पर सामूहिक शिकायत दर्ज करावे जिसमे 181 में फोन लगाए और कहे की *खरगोन की प्रकाश स्मृति कम्पनी ने गरीब , मजदूर , किसान और छोटे व्यापारी के धोखा किया है इस कम्पनी के साथ साथ तंजीम ए जरखेज और प्रोफेसर पी सी फाउंडेशन की भी जांच की जाय* आज सामूहिक हनुमान चालीसा के साथ सामूहिक शिकायत की अधिक समाज को आवश्यकता है क्युकी खरगोन का पुलिस प्रशासन अरबों के इस कम्पनी घोटाले में दो वर्ष से एक एफ आई आर तक नही लिख सका है , सांसद गजेंद्र पटेल भी इस कम्पनी के बारे में कुछ नही कर पाया है , सरकार और पुलिस प्रशासन मिल गया है और वोट देने वाले मतदाता को दोनो मूर्ख बना रहे है तो आइए हम सब मिलकर सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के खिलाफ और भारतीय जनता पार्टी के उस नेता के खिलाफ जो अपने उन गंदे हाथो से शिव डोले में खरगोन जिले के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ के मंच पर पूर्व जिला अध्यक्ष परसराम चौहान के साथ अपने पापो को धोने की कोशिश कर रहा था , रणजीत को बीजेपी के मंच पर देखकर मेरा खून खौल गया की ये क्या हो गया मेरी भारतीय जनता पार्टी को ? एक अरबों के आरोपी को मंच पर जनता के समक्ष सम्मान से प्रस्तुत कर रही है , संघ की विचारधारा की समर्थक खरगोन की भारतीय जनता पार्टी के पुराने सभी नेताओ की छुट्टी करे मोदीजी , मोदी जी आप मुझे समय दे मै खरगोन के बीजेपी नेताओं की सब पोल आपको बताने को तैयार हू ! बहुत बहुत धन्यवाद ! खरगोन संतोष न्यूज से संतोष गुप्ता की रिपोर्ट ! मोबाइल – 98262- 29657
खरगोन पुलिस प्रशासन सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करे !
Santosh News
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