- खरगोन -मित्रो , वाकया सन 2000 का है , आज से 24 वर्षो पूर्व का , खरगोन के सरकारी अस्पताल के एक मेस सर्वेंट की शिकायत वरिष्ठ पत्रकार अजीजुद्दीन शेख के साथ मेने उस समय के एस पी आर के विज को की थी , टी आई अजीत पाटिल ने मेरी उस शिकायत को पुलिस कोतवाली थाने पर ही खत्म करने का प्रयास किया , उस समय मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और विधायक परसराम डंडीर थे , मैं पुलिस कोतवाली ने दीपक डंडीर जो विधायक के सुपुत्र थे और दीपक अग्रवाल जो कांग्रेस के नेता थे अक्सर थाने में जाता तो इन दोनो को बार बार देखता था , किंतु उस वक्त मैं पुलिस , नेता के असली स्वरूप से वाकिफ नहीं था , एक ब्राम्हण नेता का मेरे प्रकरण को कमजोर कर अपराधी ब्राम्हण को बचाने में काफी सहयोग रहा , आखिर मेरे प्रकरण में खरगोन के सुनील प्रसाद पत्रकार लोक स्वामी इंदौर की इंट्री हुई और ईश्वर की लीला देखिए साहेब , जो खरगोन पुलिस मुझे शेर की खाल और विदेशी कैमरे से फसाना चाहती थी मेरे केस में ऐसी फसी की यदि मैं आज उस फाइल को खुलवाऊ तो अपराधी और टी आई अजीत पाटिल को जेल में डलवा सकता हूं , मेरे पूरे केस को ही बदल दिया गया साहेब .. कहा एक नारी का विषय और कहा शेर की खाल ….न्यायालय की भूमिका भी मेरे प्रकरण में बिल्कुल सही नही रही , सरकारी वकील की भूमिका मेरे प्रकरण में बहुत महत्व रखती है केसे सरकार से पैसा लेकर सरकारी वकील पीड़ित को कुछ भी मदद नहीं करते ….उस लड़ाई में में मुझे पांच लाख रुपए लग गए जिसे मेने ब्याज पर लिया था …सरकारी व्यवस्था के खिलाफ उस लड़ाई को मेने वरिष्ठ पत्रकार श्री मोहनलाल जी मुंशी , पत्रकार सुनील प्रसाद के मार्गदर्शन में छोटे अखबारों के माध्यम से लड़ा था क्युकी मेरे मामले को बड़े अखबार नही प्रकाशित करते थे , समाज में बड़े और छोटे का भेद आज भी वैसा ही है , 24 वर्षो बाद अब मेरी शिकायत एक सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के विरुद्ध भारत सरकार के पी एम ओ और मध्यप्रदेश सरकार की सी एम हेल्प लाइन में दर्ज है , आज भी खरगोन पुलिस में कोई बदलाव नहीं आया है , 2002 में खरगोन के टी आई अजीत पाटिल ने मुझसे कहा आप एक और शिकायत मुझे अलग से दो जिसमे महिलाओ की संख्या 163 नही 100 से 125 ही लिखना …आज खरगोन पुलिस के एडिशनल एस पी बघेल जी मुझे कह रहे है आप शिकायत वापस लो तो मैं सरकारी शिक्षक रविशंकर के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कर लूंगा …..
लगता है 24 वर्ष बाद मुझे फिर सुनील प्रसाद और इंदौर लोजस्वामी के संपादक जीतू सोनी जी के पास खरगोन के सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के अरबों खरबों की जमीनें और करोड़ो रूपयो के गरीब , किसान , मजदूर और छोटे व्यापारियों के मामले में जाना होगा , खरगोन पुलिस उसके बाद ही सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करेगी ….
इतिहास सदा अपने आप को दोहराता है मित्रो …
यही इस सृष्टि का नियम है …संतोष न्यूज खरगोन से संपादक संतोष गुप्ता की रिपोर्ट ! मोबाइल – 98262- 29657
खरगोन पुलिस कब प्रकाश स्मृति कम्पनी खरगोन के डायरेक्टर रविशंकर महाजन के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करेगी ?
Santosh News
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