सीहोर वाले प्रदीप जी मिश्रा जी का मामला ठंडा नही हो रहा है !

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खरगोन – सभी भगवतजनों को खरगोन मध्यप्रदेश से संतोष गुप्ता का सादर प्रणाम ! प्रदीप जी मिश्रा जी सीहोर वाले कथावाचक जी के बारे में इतना बवंडर का एक कारण यह भी है प्रदीप जी बहुत ही कम समय में बहुत अधिक ऊंचाई पर चले गए , इन प्रदीप जी की ऊंचाई पर जाने का कारण बने इनके भांजे समीर ….
इनके भांजे समीर यू ट्यूब और सोशल मीडिया के मामले में बहुत ट्रेंड थे …
कोरोना के समय में पूरा देश घर में कैद था और प्रदीप जी का कथा वाला मामला चालू था ….
सीहोर के कुबेरेश्वर धाम का हाल प्रदीप जी के लिए वरदान बन गया
प्रदीप जी ने आस्था की गाड़ी अपने धाम बुला ली , वीडियो कैमरे के माध्यम से जब कथाओं पर बैंड था उस दौरान भी प्रदीप जी कथा कह रहे थे उनकी सीता रसोई में प्रसादी बनती रहने के लिए पास की कालोनी में मनोरथी निवास करते , मिश्राजी के भांजे कथा की उपायों की छोटी छोटी क्लिप यू ट्यूब , फेसबुक , इस्ता पर पोस्ट कर देते , कोरोना काल में भारत तो क्या पूरे विश्व में हर परिवार दुखी था , संहार कर्ता शिव जी की शिव पुराण और उनके टोटके सबसे पहले महिलाओ ने आजमाना प्रारंभ किया , जो भी हो उपायों से आम लोगो को लगने लगा की फायदा हो रहा है बस इस भारत देश में सब परिवार किसी ना किसी कारण तो दुखी है ही , प्रदीप जी मिश्रा ऐसे पहले कथावाचक थे जिनकी कथा में उपाय बताए जाते थे , प्रदीप जी की शिवपुराण कथा , सरल भाषा , उनका बीच बीच में हास्य स्वरूप और केवल 500 रुपए देने वाले का भी माइक पर नाम बोलना …ये सब वो काम थे जो अन्य बाबाओं के पास नही थे ….हिंदू संस्कृति और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खुले आम व्यास पीठ से बोलने के कारण संघ और भारतीय जनता पार्टी ने उनका प्रचारक मान इनकी बड़ी बड़ी कथाएं ऐसी जगह कराई जहा कांग्रेस की विचारधारा थी , अब राजनीति में प्रदीप जी नंबर वन के पसंद हो गए , मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जी ने हेलीकाप्टर से प्रदीप जी को अपने क्षेत्र में बुलाया , अब प्रदीप जी की शिवपुराण कथा का आयोजन लगभग दो करोड़ में होने लगा और कथा के कारण उस स्थान पर 20 करोड़ का लेन देन होने लगा , अपार नगदी रुपया , विठ्ठलेश समिति के खातों में करोड़ो रुपया , रुद्राक्ष वितरण के उस आयोजन की घोषणा जब प्रदीप जी ने की की कुबेरेश्चर धाम में रुद्राक्ष बाटे जाएंगे तो मेरे जैसा साधारण भक्त समझ गया की यह संभव नहीं है क्युकी मैं भी मेरी धर्मपत्नी की जिद और मेरे मित्र द्वारा कुबेरेश्वर धाम में प्रदीप जी की शिवपुराण कथा में गया था , वहा की सकरी रोड में जन सैलाब केसे सम्हालेंगे ? यह सोचकर मैं आश्चर्य में था की प्रदीप जी का मैनेजमेंट गड़बड़ है वही हुआ भगदड़ मच गई कुछ मर भी गए किंतु जब सत्ता शिवराज बी जे पी की थी , मीडिया बी जे पी का केवल साहसी अखबार दैनिक भास्कर ने सही चित्रण किया था , लोगो के चप्पल , कपड़े , हाहाकार , चीत्कार , मौत के दृश्य ….किंतु प्रदीप जी की कथाएं अनवरत जारी रही , चुकी भारत का एक बहुत बड़ा वर्ग कम पढ़ा लिखा है , गांव में निवास करता है तो उसे धर्म कथा बहुत अधिक साहित्य , संस्कृत श्लोक , या उच्च भाषा से समझ नही आती , शिवजी के प्राचीन मंदिर में साफ सफाई एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल वाला मामला आम व्यक्ति ने खूब पसंद किया , गांव और शहर के छोटे छोटे बच्चे शिव मंदिर जाने लगे , प्रदीप जी का ये हाल हो गया की उनकी एक बात पर भारत की नदियों में दीप जलने लगे , उनकी एक बात पर गुलाब के फूल चढ़ने लगे , यानी देश के पी एम नरेंद्र मोदी जी वाला मामला हो गया की जो प्रदीप जी बोल दे उसे पूरा भारत करने को तैयार था ! इन सब के बीच 12 वर्ष का पुराना वीडियो प्रेमानंद जी को किसने दिखाया और बेचारे प्रेमानंद जी भोले भाले संत की जिव्हा पर केसे मां सरस्वती बैठ कर क्या कहलवा गई , सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा त्रेता में मंथरा की जिव्हा पर मां सरस्वती ने बैठकर बुलवाया …किंतु शायद न तो प्रेमानंद जी ने और न प्रदीप जी ने सोशल मीडिया क्या कर सकता है इस बारे में सोचा था ….
मेने सब कुछ पढ़ा है , सब कुछ देखा है ….किसी भी विषय पर अब सोशल मीडिया पर ही हमको बहस करना होगी तो मेरे ख्याल से जब सोशल मीडिया आपको उचाईयो पर ले जाता है तब आप कुछ नही कहते किंतु वही सोशल मीडिया जब इस प्रकार की भी सारी बाते जनता को बताता है तो आप उससे परहेज करते हो …
140 करोड़ का देश है साहेब …आगे का समय ए आई और सोशल मीडिया का ही है जिसमे देश का प्रत्येक नागरिक निर्भीकता से खुद अपनी बात रख सकता है
हम सभी को खुश होना चाहिए की आज हमारे देश में मीडिया को पूरी स्वतंत्रता है
नागरिकों को पूरी स्वतंत्रता है
सारे मामले का निचोड़ तो वृंदावन में बैठकर विद्वानों के मध्य ही सम्पन्न होगा जब तक यह सब चलता रहेगा
यही जीवन है
भागवत , महाभारत , रामायण सभी में समय समय पर ये सब हुआ है और उसका निराकरण भी होगा
किंतु सबकी एक बात ….
उसकी लीला अपरम्पार है ….
जमीन से आसमान पर
और
आसमान से जमीन पर कौन कब आ सकता है हम सभी तैयार रहना चाहिए
और हा व्यासपीठ से जब आप कुछ बोल रहे है तो सावधानी रखियेगा
इस सोशल मीडिया ने भारत के संत मुरारी बापू को रोते हुए देखा है ….
केवल उन्होंने व्यासपीठ से कुछ ऐसा कहा जिसकी समाज को कहने की आवश्यकता नहीं थी
कभी कभी सत्य को भी समाज के हित के लिए बताया नही जाता
संत तुलसीदास जी ने श्रीरामचरित मानस में लवकुश कांड को लेना उचित नहीं समझा क्युकी उससे समाज में क्या संदेश जाता एक पिता और पुत्र की लड़ाई ….
खैर जो भी हो अब दोनो संतो ने बैठकर बात करनी चाहिए ! खरगोन संतोष न्यूज से संतोष गुप्ता की रिपोर्ट ! मोबाइल – 98262- 29657

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