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: दो वर्ष बाद भी खरगोन का सरकारी शिक्षक रविशंकर अरबों की जमीनों का घोटालेबाज पर कार्यवाही नही !
Tue, Oct 1, 2024
खरगोन - *मोदीजी को अनेक लाइव कमेंट्स के बाद भी खरगोन एम पी के सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन पर कोई कार्यवाही नही !*
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खरगोन - मध्यप्रदेश के खरगोन शहर की कन्या हायर सेकेंड्री स्कूल क्रमांक दो के गणित के यू डी टी रविशंकर महाजन का नाम पिछले दो वर्ष से चर्चा का विषय बना हुआ है , अपने पिता प्रकाश चंद्र महाजन की अनुकंपा नियुक्ति पर लगे इस सरकारी शिक्षक का पिछले तीस वर्षों में स्कूल से ट्रांसफर नहीं हुआ , और इस सरकारी शिक्षक ने ग्वालियर से तीन कम्पनी रजिस्टर्ड करवा कर पश्चिम निमाड़ जिले के भोले भाले गरीब , मजदूर , किसान और छोटे छोटे व्यापारी के पास अनेक अभिकर्ता के माध्यम से लगभग तीस हजार से अधिक पर्चे बनाए , पर्चे में खरगोन के दिग्गज और सम्मान वाले व्यक्तियों के चित्र उनका नाम छापा गया , अभिकर्ता को आकर्षक कमीशन दिया गया , अभिकर्ता की वाणी और पर्चे पर छपे एक मुश्त राशि और जीवन भर पेंशन 65 वर्ष की आयु में , जिले के लोगो ने सरकारी शिक्षक की कम्पनी पर विश्वास किया और भविष्य में पैसा एक मुश्त और पेंशन की आस से कम्पनी के शेयर होल्डर बन गए , तीस वर्षों से रविशंकर का खेल खरबों रुपए में चला गया , कम्पनी के ईमानदार मेनेजर ने देखा उसके साथ में पढ़ने वाला , पारिवारिक रिलेशन वाला रवि के मन में लोभ का बीज अंकुरित हो गया है और खरबों रुपए की प्रापर्टी को यह अब अन्य कम्पनी बनाकर , प्रकाश स्मृति का लाभ , इसी के द्वारा बनाई गई कम्पनी से डाल कर , जिले के गरीब , मजदूर , किसान और छोटे छोटे व्यापारियों के साथ धोखा कर रहा है !
राजपूत समाज का एक ईमानदार शिक्षक चौहान सर का ईमानदार बेटा विक्रम चौहान और महाजन समाज के प्रोफेसर प्रकाश चंद्र महाजन का बेटा रविशंकर महाजन ...
90 हजार सैलेरी थी प्रकाश स्मृति कम्पनी के मेनेजर विक्रम चौहान की , किंतु प्रकाश स्मृति कम्पनी की इंदौर की एक प्रापर्टी बिकी तो उसके नंबर दो के 52 लाख , जो रवि ने यह कहकर रख लिए की मुझे काम है , आज पूरे पश्चिम निमाड़ जिले के पत्रकारों ने सरकारी शिक्षक रविशंकर से पूछना चाहिए की गरीबों का वह पैसा केसे और कब प्रकाश स्मृति में जमा किया गया !
रविशंकर प्रकाश स्मृति कम्पनी को इसलिए बंद करना चाहता था की हम 1954 में दस वर्ष वाले सदस्य को दस लाख 40 हजार नही दे पाएंगे इसलिए प्रकाश स्मृति कम्पनी की इस योजना को घाटे में बता दो और बंद कर दो तो हमे 1954 में 10 साल में बनने वाले शेयर होल्डर को पैसा नही देना पड़ेगा , विक्रम का कहना था हम उस गरीब के बेटे को दस लाख 40 हजार दे देंगे , यदि पैसा नही हुआ तो अपनी प्रापर्टी बेच देंगे !
रवि समझ नही रहा था , प्रकाश स्मृति के आफिस में रवि और विक्रम की मारा कुटी हो गई !
रवि ने कम्पनी के कम्प्यूटर की जानकारी लीक ना हो जाए इस भय से कम्पनी के दस कर्मचारियों को हटा दिया , विक्रम चौहान को जब लगा की अब इस रवि के मन में गरीबों के प्रति बेईमानी आ गई है तो विक्रम ने 90 हजार रुपए महीने की नोकरी छोड़ दी !
ईमानदार हार गया ...
बेइमान मित्र को समझाते समझाते ...
29 सितंबर 2022 से पूर्व प्रकाश स्मृति कम्पनी के चार कर्मचारी मेरे पास आए और बोले हमे कुछ लोगो ने बोला है की प्रकाश स्मृति कम्पनी के बारे में आप ही लिख सकते हो ...इसलिए आपके पास आए है , नवरात्री का चौथा दिन था , श्री रामचरित मानस का श्री बीसा नीमा श्रीराम मंदिर में पाठ करने के बाद , सोल्या पहन कर ही ए जी एम मीटिंग में गया और वही से फेसबुक लाइव किया , पी एम ओ में शिकायत की , सी एम हेल्प लाइन में शिकायत आई , जांच हुई मेरे बयान एस डी ओ पी ने लिए , कम्पनी के बयान हुए , कम्पनी ने कहा की हमने इन गरीबों को पर्चे नही दिए , बंधुओ , प्रकाश स्मृति कम्पनी ने झूठ बोला की हमने गरीबों को पर्चे नही दिए !
बंधुओ , अंश पूंजी के नाम पर दस दस रुपए के शेयर भी सभी शेयर होल्डर को नही दिए इसलिए पश्चिम निमाड़ जिले के गरीब , किसान , मजदूर और छोटे व्यापारी ध्यान दे आप शेयर प्रकाश स्मृति कम्पनी से लेकर अवश्य आए ! मोदीजी को लाईव भी अनेक बार लिखा किंतु खरगोन के रविशंकर पर कोई कार्यवाही नही हुई है , खरगोन कलेक्टर और खरगोन एस पी ध्यान दे ! संतोष न्यूज खरगोन !