मध्यप्रदेश

गरीब , मजदूर , किसान , छोटे व्यापारी को लूट कर सरकार से एक लाख ले रहा : सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन करोड़ो रुपया देकर मामलों दबा रहा है!
Thu, Jan 2, 2025
खरगोन - मध्यप्रदेश के ग्वालियर रजिस्ट्रार आफिस से कंपनी एक्ट में 1996 में खरगोन शहर के एक सरकारी शिक्षक रविशंकर महाजन ने एक कंपनी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर है 10-11524/96 , रजिस्ट्रेशन के बाद कंपनी ने लगभग 25 हजार पैंपलेट ओर लगभग बीस से अधिक अभिकर्ता बनाए , अभिकर्ता को योजना का किसी को भी सदस्य बनाने पर 150 रुपए दिए जाते , संपूर्ण भारत में कंपनी योजना में सदस्यता देने का अधिकार रखती थी इसलिए इस कंपनी में अनेक राज्य के लोग मेंबर बने , पैंपलेट में यह बताया गया अभिकर्ता द्वारा की योजना में सदस्यता की आयु दस वर्ष से 45 वर्ष होगी , 10 वर्ष वाले को 65 वर्ष की आयु में दस लाख साठ हजार ओर अधिकतम 45 वर्ष की आयु वाले को बीस वर्ष बाद आठ हजार दिए जाएंगे ! कंपनी ने सदस्यों को यह भी बताया कि यदि राशि कंपनी के पास सदस्य जमा रखे तो कंपनी उसे जीवन भर ब्याज देगी , उसकी मृत्यु पर उसकी जमा राशि मिलेगी , अनेक ओर भी फायदे पैंपलेट में बताए गए , खरगोन की दीवारों पर बड़े बड़े कंपनी के विज्ञापन किए गए , पश्चिम निमाड़ जिले के अनेक गरीब , किसान , मजदूर और छोटे छोटे व्यापारियों ने इसलिए कंपनी का दस रुपए का शेयर 1520 रुपए देकर ले लिया क्योंकि योजना बहुत लाभकारी बताई जा रही थी ! कंपनी में पदाधिकारी भी खरगोन के ही थे इसलिए सभी ने विश्वास किया और कंपनी ने 20 हजार का लक्ष्य रखा था किंतु कंपनी के लगभग 25 हजार सदस्य बन गए जिन्हें वेटिंग में रखा गया जब कोई सदस्य की मृत्यु हो जाती तो उसे वेटिंग से सदस्य बना लिया जाता ! ग्वालियर से कम्पनी का जो रजिस्ट्रेशन हुआ उसमें उल्लेख है कि कंपनी के लाभ को 100 प्रतिशत धर्मांध कार्यों में खर्च किया जाय किंतु कंपनी ने 25 हजार सदस्यों से प्राप्त चार करोड़ रुपयों को ब्याज पर कंपनी के सदस्यो को दो सदस्य की गवाही पर ओर कोरे चेक बारह लेकर देना शुरू किया , 1996 में आम व्यक्ति को केवल कोरे चेक देकर ऋण मिलना बड़ी बात थी , कम्पनी ने 20 हजार लोगों के बैंकों में चेकबुक वाले खाते खुलवा कर उनकी पूरी चेक बुक रखकर लोन देना शुरू किया तो लोन लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी और कंपनी ने तय तारीख से किस्त न देने वालों से 250 रुपया दंड लेना शुरू किया इस प्रकार कंपनी का लाभ बढ़ते गया तो कंपनी ने आयकर विभाग से छूट भी ले ली और कंपनी का लाभ बहुत अधिक बढ़ने से धर्मांध कार्यों में खर्च न करके प्रापर्टी खरीदना शुरू कर दी , कम्पनी के पास नंबर एक में करोड़ो की पूंजी होने से सरकारी शिक्षक रविशंकर ने नीलामी में निविदा भरना शुरू किया और निविदा हटाने के उसे पैसे मिलते , प्रापर्टी कंपनी के नाम से खरीदना ओर फिर उसे बेचना तो नंबर दो में कंपनी को खूब पैसा मिलता , कम्पनी उस पैसे को दो परसेंट पर ब्याज पर चलाती , अब कंपनी अरबों में खेलने लगी और कोई शिकायत करता तो पैसे से उसे खरीद लेती , कम्पनी ने अब एक ओर कंपनी का ग्वालियर में रजिस्ट्रेशन करवाया उसका नाम तंजीम ए जरखेज रखा , उसका मेनेजर मुसलमान को रखा और गरीब , मजदूर , किसान और छोटे व्यापारियों की जमीनें यह कहकर सस्ती खरीदी की यहां बूचड़खाना खुलेगा और मुसलमान बस्ती बनेगी , इस कंपनी में सरकारी शिक्षक रविशंकर ने एक लाख के सौ सदस्य बनाए उन्हें चार एकड़ जमीन ओर दस साल में 11 लाख की लालच दी , गरीबों की रजिस्ट्री अंग्रेजी भाषा में की ओर अब सरकारी शिक्षक ने सहकारी बैंक के अध्यक्ष रणजीत सिंह डंडीर को साथ में लिया और सहकारी बैंक में 22 अंग्रेजी की रजिस्ट्री जमीनों की रखकर दो करोड़ की सी सी लिमिट करवा ली और रणजीत ने मुस्लिम नाम कंपनी का दिल्ली कारपोरेट मंत्रालय में आवेदन दिया ओर नाम कंपनी का बदल दिया ओर सरकारी शिक्षक के पिता के नाम पी सी फाउंडेशन के नाम से कंपनी कर ली , ताज प्रोजेक्ट बंद कर गोकुल प्रोजेक्ट शुरू किया और 12 हजार प्रतिमाह कमाने वालों को जमीन बेचकर उस पर मकान बनाकर देने की शुरुआत की जिसमे भी अनेक घोटाले किए गए , प्रकाश स्मृति कम्पनी के मेनेजर विक्रम चौहान के सामने 52 लाख नगदी रखकर रविशंकर ने कहा इंदौर की कंपनी की जमीन की बिक्री में ये 52 लाख नम्बर दो में मिले है इन्हें अभी मैं रख रहा हू , मेनेजर विक्रम चौहान ने कहा यह राशि तो कंपनी के शेयर होल्डर की ही है ! कंपनी के अंदर कर्मचारी और मेनेजर ओर रविशंकर की माथापच्ची किसी विषय पर इतनी अधिक बढ़ी कि मेनेजर विक्रम ओर रवि की माराकुटी कंपनी में हो गई , विवाद बढ़ा ओर रवि ने कंपनी के दस लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया , कम्पनी के मेनेजर विक्रम ने नौकरी छोड़ दी , उन्ही नोकरी छोड़ने वालों में चार लोग मेरे पास आए और उन्होंने ही कंपनी के घोटाले के बारे में बताया , यू भी काफी समय से कंपनी के अनेक गलत कार्यों की शिकायते हो रही थी , मध्यप्रदेश की विधानसभा तक में यह मुद्दा उठा किंतु पैसे की ताकत से रवि अभी तक सभी से निपट रहा है और उसका पिछले दो वर्षो में चार सौ लोगों की शिकायतों के बाद भी कुछ नहीं हुआ आपसे निवेदन है विषय खरबों की जमीनों और करोड़ो रूपयो का है , गरीब , मजदूर , किसान और छोटे व्यापारियों का है आप इन फ्राड कंपनी ओर उसके फाउंडर पर सख्त कार्यवाही करेंगे इसी आशा के साथ !
भवदीय
संतोष गुप्ता
गुरुद्वारा पथ
खरगोन मध्यप्रदेश
पिन - 451001
मोबाइल - 98262-29657