नगर के SW24news.com नाम से यू ट्यूब चैनल : संतोष न्यूज के संपादक संतोष गुप्ता ने वारिस खान से माफी मांगी !

admin

Fri, Nov 15, 2024

*खरगोन के पत्रकार वारिस खान ने खरगोन के पत्रकार संतोष गुप्ता को इंदौर के वकील नीरज कुमार सोनी के माध्यम से रजिस्टर्ड सूचना पत्र भेजा , वकील की फीस 25 हजार रुपए की भी मांग की* ◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾ खरगोन - नगर के SW24news.com नाम से यू ट्यूब चैनल एवं स्थानीय केबल टी वी न्यूज का संचालन करने वाले पत्रकार एवं आर टी आई एक्टिविस्ट वारिस खान ने इंदौर के वकील के माध्यम से भेजे सूचना पत्र में लिखा है की 9 फरवरी 2024 को संतोष न्यूज में खबर प्रकाशित में लिखा है कि वारिस खान पत्रकार पर पैसे मांगने का आरोप खंडवा ओर खरगोन के कुछ लोगों ने लगाया है , वारिस की अंदरूनी रिपोर्ट अच्छी बिल्कुल नहीं थी , लड़कियों से संबंध , दादागिरी , पैसे की मांग की खबरें आम नागरिकों में होती थी , देश और समाज को ईमानदार पत्रकारों की आवश्यकता है , प्रशासन और सरकार पत्रकारों के जीवन व्यापन के बारे में सोचे उनकी आर्थिक मदद पत्रकार को गलत राह से बचा सकती है ! बंधुओ , सूचना पत्र में यह बात लिखी है आगे लिखा है ....आपने वारिस का पक्ष नहीं सुना ओर एक पक्षीय रूप से मेरे पक्षकार के विरुद्ध मनगढ़ंत और निराधार खबर प्रकाशित कर दी ! अनेक आरोप षडयंत्र के तहत नीचा दिखाने एवं उसकी मानहानि करने के लिए कुत्सित कार्य है , वारिस खान जेल से छूट गए है और उनका प्रकरण न्यायालय में लंबित है जब तक तथ्य साबित नहीं हो जाते तब तक वारिस निर्दोष है यह स्वयं कानून की उपधारणा है , आपने जान बुझ कर असत्य आधारों पर मानहानिकारक खबर प्रकाशित की , अभिव्यक्त लांछन मानहानि की कोटि में आते है , आपकी खबर मेरे पक्षकार की जानकारी रखने वाले राहुल पांड्या , सनवर शेख , पवन कुशवाह , दिनेश दसौंधी , आरिफ खान और मुस्लिम समाज के अध्यक्ष ने पढ़ी ओर मेरे पक्षकार वारिस खान पत्रकार से बात की जिससे वारिस की छवि धूमिल हुई , आपने बिना ठोस आधार के जो खबर प्रकाशित की वह पत्रकारिता के मानकों के विपरीत है और वारिस की मानहानि समाज में हुई है ! भारतीय दंड संविधान की धारा 499 में ओर धारा 500 में दो वर्ष का कारावास और जुर्माना या दोनों से दंडनीय है सिविल विधान के अंतर्गत क्षतिपूर्ति के अनुतोश के अधीन भी है ! अंत में सूचना पत्र में लिखा है .....आप संतोष न्यूज पर खबर के झूठे होने संबंधी खंडन को समुचित वृहद शब्दों में प्रकाशित कर माफीनामा लेख करे अन्यथा मेरे मानहानि का आपराधिक प्रकरण ओर क्षतिपूर्ति हेतु सिविल वाद समुचित अधिकारिता वाले न्यायालय में प्रस्तुत करेगा ! सूचना पत्र के जवाब का व्यय ओर अधिवक्ता की फीस के रुपए 25 हजार वारिस खान पत्रकार खरगोन को दे ! बंधुओ , खरगोन के पत्रकार वारिस खान की जेल जाने की बात जब खरगोन में फैली तो जन चर्चा में जो बाते मेने सुनी तो मुझे बहुत दुख हुआ और मेने मेरी वेदना को जो लिखा उसका आधार जन चर्चा था , खरगोन के एक ओर पत्रकार शैलेन्द्र त्रिवेदी भी पैसा मांगने के आरोप में जेल गए , प्रख्यात फोटोग्राफर राजा स्टूडियो के बड़े बेटे है शैलेंद्र , छोटा सुपुत्र साइकिल पर मंजन बेचता है , पत्रकार शैलेन्द्र के पिता राजा काका ने भीकनगांव में इंदिरा गांधी की शानदार तस्वीर ली थी जो उनके स्टूडियो के काउंटर पर वर्षों तक लगी रही थी ! खरगोन के पत्रकारों का जेल जाना मुझे अच्छा नहीं लगा और सुनी हुई जन चर्चा के आधार पर वारिस खान पत्रकार की बाते मेने लिखी ओर सरकार और प्रशासन को भी जिम्मेवार बनाते हुए मैने लिखा है कि आखिर क्यों पत्रकार पैसे मांगता है ? मेरी एक वेदना छुपी है खबर में ...यदि सरकार पत्रकारों को पैसा दे तो पत्रकार अन्य तरीके से पैसा नहीं लेंगे क्योंकि पत्रकार इतनी महंगाई में अपना घर कैसे चलाएगा यह बात सरकार को ओर प्रशासन को सोचनी चाहिए और सबसे अधिक नुकसान की बात यह है कि पैसा देने के बाद समाज में गलत कार्य करने वाले पत्रकार को पैसा देने के बाद गलत काम करने से नहीं डरते जिससे समाज में गलत काम बहुत अधिक बढ़ते जा रहे है , मैं संतोष गुप्ता संपादक संतोष न्यूज इस बात को स्वीकार करता हू कि वारिस खान खरगोन पत्रकार के जेल जाने के बाद जो नगर में जनचर्चा हो रही थी मेरी खबर का आधार केवल जन चर्चा था , यदि मेरी खबर से वारिस खान पत्रकार को लगता है कि मेरी मानहानि हुई है तो मैं खरगोन के पत्रकार वारिस खान से माफी चाहता हू , वारिस खान से मेरे संबंध बहुत पुराने है वे भी कर्ज में आ गए थे और मैं भी कर्ज में आ गया था हम दोनों कर्जे वाले एक दूसरे की बात शेयर करते थे , खरगोन का एक मुसलमान पत्रकार के साहस को मै जब वारिस में देखता था तो मुझे खुशी भी होती थी , प्रकाश स्मृति कम्पनी के करोड़ो के गरीबों , किसानो , मजदूरों ओर छोटे व्यापारी के लिए बहुत साहस से वारिस खान आगे आए थे और प्रकाश स्मृति कम्पनी के अंदर मीटिंग में अपनी बुलंद आवाज से सभी को गरजा दिया था , मेरी लिखी बात का मेरे प्रिय छोटे भाई वारिस खान को बुरा लगा हो , मेरे शब्दो से उनकी मानहानि हुई है तो प्रिय वारिस मुझे बड़ा भाई समझ मेरी गलती की मुझे माफी दे दो ! क्षमा मांगना और क्षमा करना बुद्धिमान लोगों का उत्तम लक्षण है , प्रिय वारिस भाई मुझे ओर तुम्हे मिलकर खरगोन ओर पश्चिम निमाड़ जिले के भूमाफिया ओर नंबर दो के काम करने वालो को ठिकाने लगाना है , यदि तुम मुझे मोबाइल कर देते तो मैं तुम्हारे स्टूडियो में आकर रिकॉर्डिंग करवा कर माफी मांग लेता क्योंकि तुम्हारे वकील ने जो भी लिखा है भारत सरकार ओर पत्रकारिता के नियमों के तहत बिलकुल सही लिखा है ! खबर के माध्यम से सूचना पत्र को बताने का भी पवित्र उद्देश्य है कि कोई भी पत्रकार लिखने से पूर्व गंभीरता से विचार कर खबर बनाए ओर खबर का सबूत होने के बाद ही बात को प्रकाशित करे ! *संतोष न्यूज खरगोन से संतोष गुप्ता की रिपोर्ट* ◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾◾

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